केंद्र ने अनुसूचित जाति के हितों की सुरक्षा हेतु जाँच समिति बनाई
- मडिगा जैसे अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकने वाले प्रशासनिक कदमों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया गया है।
मुख्य बिंदु
- पैनल अनुसूचित जाति के सबसे वंचित समुदायों को लाभ का उचित आवंटन सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा
- जिन पर तुलनात्मक रूप से समृद्ध और प्रभावशाली समूहों का प्रभाव पड़ा है।
- यह उन प्रशासनिक कदमों की जांच करेगा जो मडिगा और ऐसे अन्य समूहों जैसे अनुसूचित जाति समुदायों के हितों की रक्षा के लिए उठाए जा सकते हैं।
- जिन्होंने दर्शाया है कि उन्हें लाभ का उचित हिस्सा समान रूप से नहीं मिल रहा है।
- समिति में निम्नलिखित शामिल होंगे
- गृह मंत्रालय के सचिव
- कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग
- जनजातीय कार्य मंत्रालय
- कानूनी मामलों का विभाग
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग।
- सरकार को अनुसूचित जाति के उप-वर्गीकरण के लिए आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक सहित राज्य सरकारों से अभ्यावेदन प्राप्त हो रहे हैं।
- जिसमें मडिगा समुदाय भी शामिल है, इस आधार पर कि आरक्षण और कल्याण/विकासात्मक योजनाओं का लाभ उनके बीच समान रूप से नहीं पहुंच रहा है।
- मामला विभिन्न अदालतों के समक्ष रखा गया है और वर्तमान में सात न्यायाधीशों वाली सुप्रीम कोर्ट पीठ के समक्ष विचाराधीन है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- मडिगा समुदाय
- अनुसूचित जाति का उप-वर्गीकरण

