कैबिनेट ने राष्ट्रीय जनसंख्या सर्वेक्षण में जाति जनगणना को मंजूरी दी
| पहलू | विवरण | |------------------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | मुख्य घटना | केंद्रीय मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति ने राष्ट्रीय जनसंख्या जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने की मंजूरी दी। | | घोषणाकर्ता | केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव | | उद्देश्य | राष्ट्रीय स्तर पर पारदर्शी और व्यवस्थित गणना सुनिश्चित करना। | | आयोजन | जाति जनगणना अगली राष्ट्रीय जनगणना का हिस्सा होगी, न कि एक अलग सर्वेक्षण। | | राज्यीय मिसालें | - बिहार: 2023 में जाति जनगणना कराने वाला पहला राज्य। <br> - कर्नाटक: 2023-24 में राज्य-स्तरीय जाति सर्वेक्षण किया, जिसे आलोचना का सामना करना पड़ा। | | ऐतिहासिक संदर्भ | - अंतिम पूर्ण राष्ट्रीय जनगणना: 2011। <br> - 2021 की जनगणना: COVID-19 के कारण स्थगित। <br> - सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC): 2011 में आयोजित, जाति के आंकड़े जारी नहीं किए गए। <br> - ब्रिटिश भारत की अंतिम जाति गणना: 1931। | | राजनीतिक संदर्भ | कांग्रेस, इंडिया ब्लॉक और क्षेत्रीय दलों ने लंबे समय से जाति जनगणना की मांग की है। कर्नाटक सर्वेक्षण को वोक्कालिगा और लिंगायत समुदायों से आलोचना का सामना करना पड़ा। |

