बिहार पर्यटन नीति 2023
| पहलू | विवरण | |---------------------------------|---------------------------------------------------------------------------------------------| | नीति का नाम | बिहार पर्यटन नीति 2023 | | अनुमोदन प्राधिकार | बिहार कैबिनेट | | उद्देश्य | पर्यटन क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करना और पर्यटन स्थलों के निकट बुनियादी ढांचे का विकास करना। | | पूंजी अनुदान | - 10 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 30%।<br> - 50 करोड़ रुपये तक के निवेश पर 25%।<br> - 50 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश पर 25%, जिसकी अधिकतम सीमा 25 करोड़ रुपये है। | | प्रतिपूर्ति | - भूमि परिवर्तन शुल्क, स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क का 100%।<br> - व्यावसायिक संचालन पर 5 वर्षों तक जीएसटी का 80%।<br> - नए पर्यटन इकाइयों को 5 वर्षों तक विद्युत टैरिफ का 100%।<br> - पर्यटक गाइड्स को भुगतान किए गए मासिक वेतन का 5%, जिसकी अधिकतम सीमा 2 वर्षों तक प्रति गाइड 5000 रुपये है। | | अनुदान वितरण | - व्यावसायिक संचालन के शुरू होने पर 50%।<br> - 2 वर्ष बाद 25%।<br> - 5 वर्ष बाद 25%। | | विशेष प्रोत्साहन | - ग्रीन प्रमाणन।<br> - MICE (मीटिंग्स, इंसेटिव्स, कॉन्फ्रेंसेस और प्रदर्शनियों) को बढ़ावा देना। | | बुनियादी ढांचे का विकास | गया में विष्णुपद मंदिर के निकट एक वैकल्पिक प्रवेश मार्ग और बस डिपो के लिए 62 करोड़ रुपये स्वीकृत। | | प्रमुख पर्यटन स्थल | बोधगया में महाबोधि मंदिर परिसर, राजगीर में विश्व शांति स्तूप, नालंदा, प्राचीन शहर पाटलिपुत्र, पश्चिम चंपारण में वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व आदि। |

