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बिहार में मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य

बिहार में मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य
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बिहार में मंदिरों, मठों और ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य

| पहलू | विवरण | |-----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | क्यों चर्चा में है? | बिहार सरकार ने सभी अंजीद (अपंजीकृत) मंदिरों, मठों और धार्मिक ट्रस्टों के पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है। | | शासी अधिनियम | बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 | | पंजीकरण के लिए संस्थाएँ | सार्वजनिक मंदिर, मठ, ट्रस्ट और धर्मशालाएँ | | शासी निकाय | बिहार राज्य धार्मिक ट्रस्ट बोर्ड (BSBRT) | | अनुपालन न करने पर कार्रवाई| अवैध संपत्ति लेनदेन और अपंजीकृत संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई। | | अपंजीकृत मंदिर/मठ | 2,512 अपंजीकृत मंदिर और मठ, जिनके पास 4,321.64 एकड़ जमीन है। | | पंजीकृत मंदिर | 2,499 पंजीकृत मंदिर, जो सामूहिक रूप से 18,456 एकड़ से अधिक जमीन के मालिक हैं। |

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