केरल ने ओबीसी सूची को संशोधित करने हेतु केंद्र से SECC डेटा का अनुरोध किया
- केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसे राज्य में सामाजिक-आर्थिक पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए वर्ष 2011 में केंद्र द्वारा आयोजित जाति जनगणना पर उम्मीदें टिकी हैं।
मुख्य बिंदु
- राज्य को अपनी पिछड़ा वर्ग सूची को समय-समय पर संशोधित करने के न्यायिक आदेशों की "जानबूझकर अवज्ञा" करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है।
- सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण के लाभों का समान वितरण सुनिश्चित करना।
- जबकि बिहार जैसे राज्यों ने लोकसभा चुनाव से पहले अपना जाति सर्वेक्षण कराया है
- राज्य ने केरल में पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए वर्ष 2011 के जाति सर्वेक्षण डेटा रिपोर्ट की एक प्रति के लिए 4 नवंबर, 2022 को केंद्र से अनुरोध किया था।
- रिपोर्ट मई 2023 में ही केरल राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को भेज दी गई थी।
- राज्य सरकार के अनुसार, रिपोर्ट केरल राज्य के भीतर सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की पहचान के लिए बिल्कुल भी उपयोगी नहीं थी।
जाति जनगणना
- आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय (MoHUPA) द्वारा संचालित - शहरी क्षेत्र।।
- ग्रामीण विकास मंत्रालय - ग्रामीण क्षेत्र
- गृह मंत्रालय: भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त जाति जनगणना के लिए जिम्मेदार हैं।
प्रीलिम्स टेकअवे
- भारतीय रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त
- जाति जनगणना

