बाल विवाह मुक्त भारत अभियान का शुभारंभ
| पहलू | विवरण | |-----------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | अभियान का नाम | बाल विवाह मुक्त भारत अभियान | | शुभारंभ | केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री द्वारा | | उद्देश्य | 2029 तक बाल विवाह की प्रवृत्ति को 5% से कम करना | | लक्षित राज्य | पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, त्रिपुरा, असम, आंध्र प्रदेश | | फोकस जिले | 300 जिले जहां बाल विवाह की दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है | | मुख्य विशेषताएं | विवाह की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष निर्धारित करने के लिए विधायी परिवर्तन, बच्चों के लिए कानूनी सुरक्षा | | निगरानी पोर्टल | - बाल विवाह निषेध अधिकारियों (CMPOs) की निगरानी | | | - पीड़ितों और गवाहों द्वारा रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करना | | | - जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करना | | दृष्टिकोण | - राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एकीकरण | | | - स्वास्थ्य, वित्तीय सुरक्षा और सुरक्षा पर ध्यान | | | - सामाजिक जागरूकता अभियान | | नागरिक भागीदारी | - बाल विवाह को रोकने के लिए प्रतिज्ञाओं को प्रोत्साहित करना | | | - अधिकारियों को रिपोर्ट करने को बढ़ावा देना | | लैंगिक पहल | - नारी अदालत (महिला अदालत) | | | - लैंगिक-समावेशी संचार पर मार्गदर्शिका | | | - बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान | | वैश्विक मान्यता | - संयुक्त राष्ट्र द्वारा दक्षिण एशिया में बाल विवाह में सबसे बड़ी गिरावट के लिए भारत को मान्यता | | बाल विवाह दरें | - 2006 में 47.4%, 2019-21 में घटकर 23.3% हो गई | | सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका | - अक्टूबर 2024 में फैसला दिया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 व्यक्तिगत कानूनों पर प्रभावी है | | विजन 2047 | - महिला-नेतृत्वक विकास के केंद्र में लड़कियों के साथ एक विकसित भारत के लक्ष्य के साथ मेल |

