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राजस्थान में एवियन बोटुलिज़म का प्रकोप: प्रवासी पक्षियों को खतरा

राजस्थान में एवियन बोटुलिज़म का प्रकोप: प्रवासी पक्षियों को खतरा
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राजस्थान में एवियन बोटुलिज़म का प्रकोप: प्रवासी पक्षियों को खतरा

| पहलू | विवरण | |---------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | अवियन बोटुलिज़्म (Avian Botulism) के कारण राजस्थान में 600 प्रवासी पक्षियों की मौत। | | स्थान | सांभर झील, राजस्थान (जयपुर से 80 किमी दक्षिण-पश्चिम)। | | कारण | क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम (Clostridium botulinum) बैक्टीरिया द्वारा उत्पादित बोटुलिनम विष। | | पर्यावरणीय कारक | उच्च तापमान (>21°C), कम लवणता, और सांभर झील में ऑक्सजीन की कमी। | | प्रकोप की अवधि | 26 अक्टूबर 2024 से शुरू हुआ और लगभग दो सप्ताह तक जारी रहा। | | संवेदनशीलता | लंबी यात्राओं से कमजोर हुए प्रवासी पक्षी अधिक संवेदनशील होते हैं। | | प्रबंधन | प्रभावित पक्षियों को तुरंत हटाकर उनका निस्तारण करना, जिससे प्रकोप का फैलाव रोका जा सके। | | पिछली घटना | 2019 में हुए इसी तरह के प्रकोप में लगभग 18,000 पक्षियों की मौत हुई थी। | | वैश्विक परिप्रेक्ष्य | कम लवणता के दौरान ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में भी ऐसे प्रकोप देखे गए हैं। | | सांभर झील की विशेषताएँ | भारत की सबसे बड़ी आंतरिक खारी झील, 1990 से रामसर स्थल, छह नदियों से जल प्राप्त करती है। | | केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (CARI) | उत्तर प्रदेश के इज्जतनगर में स्थित है; भारतीय पोल्ट्री उद्योग के लिए मुर्गीपालन विज्ञान का अध्ययन करता है। |

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