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अश्मोलियन संग्रहालय भारत को 16वीं शताब्दी की कांस्य मूर्ति लौटाएगा

अश्मोलियन संग्रहालय भारत को 16वीं शताब्दी की कांस्य मूर्ति लौटाएगा
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अश्मोलियन संग्रहालय भारत को 16वीं शताब्दी की कांस्य मूर्ति लौटाएगा

| पहलू | विवरण | |-----------------------------|-----------------------------------------------------------------------------| | घटना | ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का एशमोलियन म्यूजियम 16वीं सदी की संत तिरुमंगै अलवर की कांस्य प्रतिमा को भारत वापस लौटाने पर सहमत हुआ है। | | प्रतिमा का विवरण | - ऊंचाई: 60 सेमी<br>- उत्पत्ति: माना जाता है कि इसे तमिलनाडु के एक मंदिर से चुराया गया था।<br>- अधिग्रहण वर्ष: 1967<br>- अधिग्रहण स्थान: सोथबी की नीलामी। | | अधिग्रहण | 1967 में डॉ. जे.आर. बेलमोंट के संग्रह से प्राप्त किया गया; म्यूजियम का दावा था कि इसे सद्भावना से प्राप्त किया गया था। | | सतर्कता और जांच | एक स्वतंत्र शोधकर्ता ने प्रतिमा की उत्पत्ति पर चिंता व्यक्त की, जिसके बाद म्यूजियम ने जांच की और भारतीय उच्चायोग को सूचित किया। | | औपचारिक अनुरोध | भारत सरकार ने प्रतिमा को वापस लौटाने के लिए औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया। | | निर्णय | ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के परिषद ने प्रतिमा को वापस लौटाने का समर्थन किया; चैरिटी कमीशन की स्वीकृति की प्रतीक्षा है। | | पिछले प्रतिष्ठापन | हाल के उदाहरणों में एक चूना पत्थर की नक्काशीदार मूर्तिकला और एक नवनीत कृष्ण कांस्य प्रतिमा को भारत वापस लौटाया गया, जो यूके और यूएस की संयुक्त जांच के बाद हुआ, जिसमें स्कॉटलैंड यार्ड की आर्ट एंड एंटीक्स यूनिट शामिल थी। |

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