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अरावली ग्रीन वॉल पहल 2025 में शुरू

अरावली ग्रीन वॉल पहल 2025 में शुरू
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अरावली ग्रीन वॉल पहल 2025 में शुरू

| विषय (Topic) | विवरण (Details) | |-------------------------------|-------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना (Event) | अरावली हरित दीवार पहल का शुभारंभ विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून, 2025) को किया गया। | | पहल (Initiative) | 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान का विस्तार, दिल्ली से गुजरात तक अरावली पर्वत श्रृंखला में फिर से वनीकरण करना। | | हरियाणा सरकार की योजना (Haryana Government Plan) | 25,000 हेक्टेयर निम्नीकृत वन भूमि का पुनर्स्थापन। | | विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) | - स्थापना 1972 में, मानव पर्यावरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान। | | | - पहली बार 1973 में मनाया गया, विषय "केवल एक पृथ्वी" था। | | | - 2025 का मेजबान: कोरिया गणराज्य, विषय "प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ" है। | | | - भारत ने 2018 में इसी विषय के तहत विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी की। | | अरावली हरित दीवार परियोजना (Aravalli Green Wall Project) | - अफ्रीका की महान हरित दीवार पहल से प्रेरित। | | | - 2027 तक 1.1 मिलियन हेक्टेयर निम्नीकृत परिदृश्य को बहाल करने का लक्ष्य। | | | - वनीकरण, मृदा स्वास्थ्य, भूजल पुनर्भरण, और शहरी ऊष्मा द्वीपों को कम करने के लिए एक पारिस्थितिक दीवार बनाने पर ध्यान केंद्रित करना। | | पर्यावरणीय खतरे (Environmental Threats) | - अवैध खनन और तेजी से शहरीकरण के कारण गंभीर निम्नीकरण। | | नर्सरी विकास योजना (Nursery Development Plan) | - बड़े पैमाने पर वनीकरण के लिए 29 जिलों में 1,000 नर्सरी विकसित की जाएंगी। | | निम्नीकृत भूमि वितरण (Degraded Land Distribution) | - राजस्थान: 81%, गुजरात: 15.8%, हरियाणा: 1.7%, दिल्ली: 1.6%। | | अरावली पर्वत श्रृंखला (Aravalli Mountain Range) | - पृथ्वी पर सबसे पुरानी वलित पर्वत, तीन अरब वर्ष पुरानी। | | | - गुजरात से दिल्ली तक फैली हुई (राजस्थान और हरियाणा से होकर)। | | | - सबसे ऊँची चोटी: माउंट आबू पर गुरु शिखर। | | जलवायु प्रभाव (Climate Impact) | - मानसून बादलों को पूर्व की ओर निर्देशित करती है, उप-हिमालयी नदियों का पोषण करती है और उत्तरी भारतीय मैदानों को सींचती है। | | | - सिंधु और गंगा नदी घाटियों को ठंडी पश्चिमी हवाओं से बचाती है। | | पारिस्थितिक भूमिका (Ecological Role) | - मरुस्थलीकरण और थार रेगिस्तान के पूर्व की ओर विस्तार के खिलाफ एक प्राकृतिक ढाल के रूप में कार्य करती है। | | नदियाँ (Rivers) | - चंबल, साबरमती और लूनी नदियों का उद्गम स्थल। | | जैव विविधता (Biodiversity) | - अनेक लुप्तप्राय पौधों और जानवरों की प्रजातियों का समर्थन करती है। | | पारिस्थितिकी तंत्र के खतरे (Threats to Ecosystem) | - वनोन्मूलन, अवैध खनन, अतिचारण(overgrazing) और मानव बस्तियों के कारण भूमि का निम्नीकरण। | | एक पेड़ माँ के नाम अभियान (Ek Ped Maa Ke Naam Campaign) | - माताओं को सम्मान देने के लिए 5 जून, 2024 को उनके नाम पर पेड़ लगाकर शुरू किया गया। | | | - उद्देश्य: पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना, वन क्षेत्र बढ़ाना, और सतत विकास का समर्थन करना। | | विश्व रिकॉर्ड उपलब्धि (World Record Achievement) | - 22 सितंबर 2024 को, 128 इन्फैंट्री बटालियन और इकोलॉजिकल टास्क फोर्स ने जैसलमेर में एक घंटे में 5 लाख से अधिक पौधे लगाए। |

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