मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में संशोधन: पारदर्शिता बढ़ाई गई
| विषय | जानकारी | |-----------------------------|----------------------------------------------------------------------------------------------------------| | योजना का नाम | मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना | | किसने शुरू की | सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग, मध्य प्रदेश सरकार (2006) | | किसके माध्यम से कार्यान्वित | दीनदयाल अंत्योदय मिशन | | उद्देश्य | सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रमों के माध्यम से निराश्रित, गरीब, परित्यक्त और विधवा लड़कियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना। | | हाल के संशोधन | - पारदर्शिता के लिए अनिवार्य बीपीएल पोर्टल सत्यापन। | | | - सामूहिक विवाह/निकाह कार्यक्रमों का आयोजन मंडल-वार वार्षिक चक्रीय कैलेंडर के अनुसार किया जाएगा। | | | - प्रत्येक कार्यक्रम में 11 से 200 जोड़ों को शामिल किया जाएगा। | | | - दुल्हन और दूल्हे के लिए आधार-आधारित ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया है। | | वित्तीय लाभ | प्रति दुल्हन 55,000 रुपये: | | | - दुल्हन को सीधे चेक/डीबीटी के माध्यम से 49,000 रुपये। | | | - आयोजन करने वाली संस्था को 6,000 रुपये। | | डीबीटी योजना का उद्देश्य | सूचना और धन के तेजी से प्रवाह में सहायता करना, वितरण प्रणाली में धोखाधड़ी को कम करना। | | डीबीटी की शुरुआत | भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2013 को शुरू की गई। | | डीबीटी के घटक | लाभार्थी खाता सत्यापन प्रणाली, आरबीआई, एनपीसीआई और बैंकों के साथ एकीकृत भुगतान मंच। | | डीबीटी में आधार | अनिवार्य नहीं है, लेकिन लाभार्थियों की विशिष्ट पहचान के लिए प्राथमिकता दी गई है। |

