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असम के अहोम वंश के मोइदम यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल

असम के अहोम वंश के मोइदम यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल
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असम के अहोम वंश के मोइदम यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में शामिल

| पहलू | विवरण | |----------------------------------------|-----------------------------------------------------------------------------------------------| | घटना | मोइदामों को यूनेस्को विश्व धरोहर सूची में अंकित किया गया | | घोषणा की तिथि | 26 जुलाई, 2024 | | सत्र | विश्व धरोहर समिति का 46वां सत्र | | सत्र का स्थान | भारत मंडपम, नई दिल्ली | | समीक्षा की गई कुल नामांकन | 27 | | भारत का प्रविष्टि क्रमांक | 43वां | | पूर्वोत्तर भारत से पहला | हां | | मोइदामों का स्थान | चराइदेव, असम | | ऐतिहासिक काल | अहोम वंश (13वीं से 19वीं शताब्दी का प्रारंभ) | | पहले अहोम राजा का अंतिम संस्कार | चाउ-लुंग सिउ-का-फा | | वास्तुकला का महत्व | मिस्र के पिरामिडों के समान; मेहराबदार गलियारों वाला तहखाना, बहुभुजीय दीवार, मेहराबदार प्रवेश द्वार | | प्रमुख संरक्षण निकाय | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और असम के पुरातत्व विभाग | | असम में अन्य यूनेस्को स्थल | काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस वन्यजीव अभयारण्य (प्राकृतिक श्रेणी) | | केंद्रीय मंत्री | श्री गजेंद्र सिंह शेखावत (संस्कृति और पर्यटन मंत्री) | | यूनेस्को मान्यता मानदंड | सांस्कृतिक महत्व और वास्तुकला की उत्कृष्टता के लिए उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य (OUV) | | आयोजन का महत्व | पहली बार भारत ने विश्व धरोहर समिति का सत्र आयोजित किया |

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