मालदीव ने जल सर्वेक्षण पर भारत के साथ समझौता ख़त्म करने की बात कही
- मालदीव के राष्ट्रपति ने भारत के साथ हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौता को नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया।
मुख्य बिंदु
- वर्ष 2019 में हस्ताक्षरित समझौते ने भारत को मालदीव के पानी का जल सर्वेक्षण करने, चट्टानों, लैगून, समुद्र तट, समुद्री धाराओं और ज्वार के स्तर का अध्ययन करने की अनुमति दी।
भारत के लिए अधिसूचना
- भारत को हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौता पर आगे नहीं बढ़ने के मालदीव के फैसले के बारे में सूचित किया गया।
- इस निर्णय को मुइज़ू की नीति में बदलाव के हिस्से के रूप में देखा गया, जिसमें सर्वेक्षण कार्यों के लिए मालदीव की सैन्य क्षमताओं में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- भविष्य में हाइड्रोग्राफी का काम 100% मालदीव प्रबंधन के तहत किया जाएगा और इसकी जानकारी केवल मालदीव के लोगों को ही होगी।
विदेश नीति में परिवर्तन
- मुइज्जू की सरकार ने 'इंडिया फर्स्ट' नीति से हटकर तुर्की को पहले विदेशी गंतव्य के रूप में चुना।
- मालदीव के पिछले राष्ट्रपतियों ने कार्यालय में प्रवेश करने के बाद परंपरागत रूप से अपने पहले विदेशी पड़ाव के रूप में भारत को चुना।
भारतीय सैन्य उपस्थिति
- मालदीव के पास आपातकालीन निकासी और आपदा राहत के लिए भारत द्वारा उपलब्ध कराए गए दो हेलीकॉप्टर और एक विमान हैं।
- मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी इन प्लेटफार्मों का संचालन करते हैं।
प्रीलिम्स टेकअवे
- हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण समझौता

