COP-28 से बाहर रहे अफगानिस्तान को COP-29 में शामिल होने की उम्मीद
- जलवायु परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील अफगानिस्तान को लगातार तीसरे वर्ष COP-28 जलवायु शिखर सम्मेलन से हटा दिया गया।
मुख्य बिंदु
- वर्ष 2021 में तालिबान द्वारा काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद, विदेशी सरकारों से कोई औपचारिक मान्यता नहीं मिली और संयुक्त राष्ट्र महासभा में कोई सीट नहीं मिली।
बहिष्करण के कारण
- महिलाओं पर तालिबान के प्रतिबंध, विशेष रूप से हाई स्कूल और विश्वविद्यालयों में लड़कियों और महिलाओं पर प्रतिबंध को अंतरराष्ट्रीय अलगाव का प्राथमिक कारण बताया गया है।
- किसी भी विदेशी सरकार द्वारा तालिबान नेतृत्व को मान्यता न देना अफगानिस्तान को संयुक्त राष्ट्र वार्ता से बाहर करने में योगदान देता है।
UNFCCC निर्णय और तालिबान प्रतिक्रिया
- जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) COP ब्यूरो ने नवंबर 2022 की बैठक में अफगानिस्तान के प्रतिनिधित्व पर निर्णय टाल दिया।
महिलाओं और खाद्य असुरक्षा पर प्रभाव
- गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे 20 मिलियन अफ़गानों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा महिलाएं, प्रतिकूल रूप से प्रभावित हैं।
जलवायु निधि और परियोजनाएँ रुकी हुई हैं
- तालिबान के नेतृत्व वाला अफगानिस्तान ग्रीन क्लाइमेट फंड (GCF) सहित संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख जलवायु कोष तक पहुंचने में असमर्थ है।
- तालिबान के अधिग्रहण से पहले GCF ने एक स्थायी ऊर्जा परियोजना के लिए लगभग 18 मिलियन डॉलर की मंजूरी दी थी, जिसे अब जोखिम समीक्षा के लिए रोक दिया गया है।
प्रीलिम्स टेकअवे
- हरित जलवायु निधि
- UNFCCC

